शाहीनबाग को लेकर सुनवाई टली, कई इलाकों में उपद्रव

सीएए-एनआरसी के विरोध में करीब दो माह शांत रहा माहौल रविवार को बिगड़ गया है। रविवार के बाद सोमवार सुबह भी एहतियात के तौर पर मौजपुर और बाबरपुर मेट्रो स्टेशन बंद किए हैं। यहां कोई ट्रेन नहीं रुक रही है। वहीं आज शाहीनबाग जाने वाले रास्तों को खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई।


गौरतलब है कि शाहीन बाग के अलावा जाफराबाद व सीलमपुर में भी महिलाएं धरने पर बैठी थीं, लेकिन शनिवार रात जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे महिलाओं ने सड़क जाम कर दी। दिल्ली पुलिस ने उन्हें खदेड़ा, बावजूद इसके प्रदर्शनकारी वहां फिर से जमा हो गए। भीम आर्मी ने रविवार को भारत बंद का आह्वान किया था, वहीं इसके समर्थन में जाफराबाद के प्रदर्शनकारियों ने राजघाट तक मार्च निकालने की घोषणा की थी।


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शुक्रवार रात भर लोग एनचए-25, दिल्ली-मेरठ हाइवे, दिल्ली-मथुरा हाइवे, दिल्ली-नोएडा हाइवे, यमुना एक्सप्रेस वे होकर यूपी की तरफ जाते रहे। सुबह सूचना मिली कि यूपी सरकार लोगों को ले जाने के लिए बस का इंतजाम कर रही है। इसके बाद अचानक से गाजीपुर के नजदीक भीड़ बढ़ गई। बस दिखते ही लोग पर उसमें बैठने के लिए टूट पड़ते, जिसे संभालने के लिए पुलिस का काफी मशक्कत करनी पड़ी।
सरकार ने एक अप्रैल को एक हेल्पलाइन नंबर 1031 जारी कर कहा कि भोजन या राशन से जुड़ी कोई भी समस्या किसी को आ रही है तो वे इस नंबर पर फोन कर मदद मांग सकते हैं।
इस दौरान न तो सामाजिक दूरी का ख्याल रहा और न ही संक्रमण फैलने का। दूसरी तरफ बड़ी संख्या में लोगों को पैदल जाना भी जारी रहा। यूपी सरकार ने गाजियाबाद से 200 बसें प्रदेश के कई हिस्सों में भेजने का फैसला लिया। शाम तक करीब सवा सौ बसें कौशांबी बस अड्डा, लालकुआं और यूपी गेट से रवाना की गईं। उधर, यूपी और दिल्ली की सीमा पर हजारों की संख्या में भीड़ जमा है। स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।
मंडावली इलाके के सुनील कुमार का कहना है कि दुकान बहुत कम समय के लिए खुल रही है। इसके कारण कुछ ही लोगों को राशन मिल पाता है। उसके बाद दुकान बंद कर दी जाती है।
वहीं सोनिया विहार के पप्पू शर्मा कि शिकायत है कि राशन की दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में गेहूं और चावल आ रहा है, लेकिन उसको बांटने के दौरान लोगों के बीच भी भेदभाव किया जा रहा है।